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Tuesday, 21 February 2017

न्यूटन के गति विषयक नियम

न्यूटन के गति विषयक नियम 

प्रथम नियम(जड्त्व का नियम)

  • जडत्व का नियम– यदि किसी वस्तु पर या पिंड स्थिर है या एक निश्चित गति कर रहा है, इसकी अवस्था मे तभी परिवर्तन होगा जब इस पर कोई बाह्य बल लगाया जाये, अर्थात जब कोई पिंड स्थिर है तो तब तक स्थिर ही रहेगा जब तक कोई बाह्य बल ना लगे, तथा यदि गति में है तो तब तक रहेगा जब तक बाह्य बल ना लगे  ,इसके उदाहरण है, 
  • बस का अचानक ब्रेक लगाने पर आगे की ओर झट्का लगता है
  • स्थिर बस के एकाएक आगे चल पड्ने से यात्रियों को पीछे की ओर झट्का लगता है
  • चटाई या कालीन को डंडे से पीटने पर उसमें से धूल निकलती है
  • यदि खिड्की के कांच मे गोली मारी जाये तो उसमें गोल छेद हो जाता है
  • हथौडे के हथ्थे को मजबूती से फसाने के लिये उसे ज़मीन पर ठोका जाता है
  • एक्समान चाल से चलती हुई रेलगाडी में ऊपर उछाली गयी गेंद उछालने वाले के हाथ में वापस आ जाती है

दूसरा नियम(संवेग परिवर्तन का नियम)

  • संवेग परिवर्तन का नियम-  संवेग परिवर्तन की दर पिण्ड पर बल के समानुपाती तथा बल की दिशा में होती है

तीसरा नियम(क्रिया प्रतिक्रिया का नियम)

  • तीसरा नियम- इस नियम के अनुसार प्रत्येक क्रिया के फलस्वरूप समान और विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है, यदि कोई वस्तु किसी अन्य वस्तु पर बल लगाती है तो वह वस्तु भी पहली वस्तु पर विपरीत दिशा में बल लगाती है, इन दोनो बलों में से लगने वाले बल को क्रिया तथा दूसरे बल को प्रतिक्रिया कहा जाता है क्रिया प्रतिक्रिया के अनेक उदाहरण है,
  • बंदूक से गोली निकलने पर, पीछे को धक्का लगता है
  • राकेट मे रखे ईधन के जलने से उतपन्न गैसें तीव्र गति से पीछे की ओर निष्काषित होती हैं तथा इसकी प्रतिक्रिया के फलस्वरूप राकेट ऊपर की ओर गति करता है
  • नदी के किनारे पर व्यक्ति द्वारा नाव को पीछे की ओर दबाने पर नाव, व्यक्ति को आगे की ओर फेंकती है